Kokilashastra book and story is written by Sandeep Meel in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kokilashastra is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. कोकिलाशास्त्र Sandeep Meel द्वारा हिंदी लघुकथा 1 1.4k Downloads 4.7k Views Writen by Sandeep Meel Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण न चिड़ियों की आवाज रही और न हवा की सनसनाहट। अब न फूल खिलते हैं और न ही आंधियों में पीपल की टहनियां झुककर जमीन को सलाम करती हैं। लोगों के कानों को मोर की आवाज और पपीहे की किलकारी में फर्क भी पत्ता नहीं रहा। यह भी मालूम नहीं कि वह आवाज किस जानवर की है लेकिन जब रात के करीब एक बजे गांव के पूर्व में एक पक्षी जैसी आवाज सुनती है तो पूरा गांव आवाज की दिषा में दौड़ पड़ता। पक्षी की आवाज का अंदाजा भी इसलिये लगाया जाता है क्योंकि यह आवाज इंसानों जैसी नहीं थी। गांव की सीमा पर लोगों की भीड़ लग जाती लेकिन पक्षी का अता-पता नहीं लगता। कहां गया होगा वह आवाज निकालने वाला ? More Likes This बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha शैतान का कुचक्र - 1 द्वारा LM Sharma सारथी द्वारा No Antry Mohabbat ya Dhokha - 1 द्वारा aruhi टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 1 द्वारा Sonu Kasana तलाक - 1 द्वारा aruhi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी