कहानी "किस्तों की मौत" में एक विचार प्रस्तुत किया गया है कि इंसान रोज़ किस्तों में मरता है, लेकिन केवल अंतिम मृत्यु ही समाज को दिखाई देती है। राजस्थान के मरुस्थल में करमलिका नामक एक गांव की पृष्ठभूमि में, बीरसिंह और उसके पिता हीरसिंह की कहानी है। हीरसिंह की मृत्यु के बाद बीरसिंह ने अपनी बड़ी संपत्ति को बेचकर जीवन यापन शुरू किया, लेकिन अंततः वह भी शराब के सेवन और आलस्य में खो गया। बीरसिंह के पास पाँच बेटे हैं, और उसके मरने के बाद गांव में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया, केवल उसके खेत में तीन मूर्तियाँ स्थापित की गईं। इन मूर्तियों में से एक हीरसिंह की, एक बीरसिंह की, और एक खाली चबूतरा है। कहानी में एक युवा पात्र उचित का भी जिक्र है, जो घूमने वाला और चिंता रहित है। कहानी का केंद्रीय विचार है कि जीवन की वास्तविकता और मौत की प्रक्रिया को समझना, और यह कि कैसे लोग धीरे-धीरे अपने अस्तित्व को खोते जाते हैं। Kiston Ki mout Sandeep Meel द्वारा हिंदी लघुकथा 3.3k 1.9k Downloads 8.6k Views Writen by Sandeep Meel Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘‘इंसान रोज ही नहीं हर पल मरता है, जब वह अंतिम रूप से मरता है तो दुनियां को लगता है कि फलां मर गया। लेकिन रोजाना जो किस्तों में मरता है उसका क्या ?’’ राजस्थान के मरुस्थल में टीलों के पीछे इतने गांव और ढाणियां (गांव का छोटा रूप) बिखरे पडे हैं कि अगर समेटने लगो तो एक समानान्तर दुनिया तैयार हो जाएगी।इन टीलों के बीच एक ऐसा ही गांव करमलिका था। एक तरफ सड़क और तीन तरफ रेत के पहाड़, जिन पर कहीं कहीं खेजड़ी के पुराने पेड़ अपने अस्तित्व की आखिर लड़ाई लड़ रहे थे। इसी पेड के नीचे बैठकर पेमा पटेल ने अपना फैसला दिया था या इसी खेजड़ी के पेड़ की अंतिम टहनी तक कोई चढ़ जाता तो उसके साथ गांव की किसी लड़की का विवाह कर देते लेकिन आज तक कोई भी चढ नहीं पाया। ऐसी अनेक कहानियां हर पेड़ के साथ जुड़ी थी। आज उन कहानियों के पात्रों को कोई नहीं जानता मगर लोगों की स्मृतियों में वे इस कदर पैठे हुए हंै कि रोज एक नई कहानी का जन्म हो जाता है। More Likes This नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी