यह ग़ज़ल अशोक जानी 'आनंद' द्वारा लिखी गई है, जिसमें जीवन की जटिलताओं, प्रेम, दर्द और तन्हाई के अनुभवों को व्यक्त किया गया है। शायर चाँद की तरह रातभर बिखरने और सुबह खुद को तलाशने की बात करते हैं। वे बेवजह आहों के आदी हो गए हैं और जीवन को एक मोती की तरह समझते हैं, जिसे वे जांचते-परखते रहते हैं। ग़ज़ल में यह भी कहा गया है कि रास्ता आसान नहीं है, लेकिन प्रेम की तलाश में चलना जरूरी है। शायर ने जीवन के जख्मों और किस्मत के खेल को भी उजागर किया है, यह बताते हुए कि दोस्ती और साथ होने पर किसी भी कठिनाई का सामना किया जा सकता है। अंत में, शायर तन्हाई और सुनाई देने वाले दर्द को व्यक्त करते हैं, यह कहते हुए कि वे ग़ज़ल के माध्यम से अपनी भावनाओं को साझा करना चाहते हैं। ग़ज़ल में गहराई और भावुकता का समावेश है, जो इसे विशेष बनाता है। पीला दे गजल Ashok Jani द्वारा हिंदी कविता 8.5k 2.3k Downloads 11.7k Views Writen by Ashok Jani Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण गजल के चाहकों के लिए एक अनूठा जाम... !! एक गुजराती शायर की तरफ से कुछ हिन्दुस्तानी गज़लें जिनके तीन दीवान गुजराती में प्रकाशित हो चुके है। More Likes This जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 1 द्वारा Kuldeep Singh पर्यावरण पर गीत – हरा-भरा रखो ये जग सारा द्वारा Poonam Kumari My Shayari Book - 2 द्वारा Roshan baiplawat मेरे शब्द ( संग्रह ) द्वारा Apurv Adarsh स्याही के शब्द - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik अदृश्य त्याग अर्धांगिनी - 1 द्वारा archana ग़ज़ल - सहारा में चल के देखते हैं - प्रस्तावना द्वारा alka agrwal raj अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी