आरुषि एक ईमानदार और समर्पित शिक्षिका है जो एक छोटे कस्बे के प्राइमरी स्कूल में काम करती है। रात के दस बजे, जब सभी अपने कमरों में जा चुके होते हैं, वह अपने स्कूल के काम को पूरा करने में लगी रहती है, क्योंकि वह स्कूल की प्रिंसिपल, टीचर और चपरासी भी है। स्कूल में लगभग तीन सौ बच्चे हैं, लेकिन सिर्फ दो टीचर हैं, जिससे काम का बोझ बढ़ जाता है। रविवार का दिन उसके लिए आराम का नहीं, बल्कि सारे सप्ताह के पेंडिंग काम का दिन होता है। अलार्म बजने पर वह उठकर अपने काम को निपटाती है और बच्चों को स्कूल भेज देती है। उसकी सास सुबह के काम में मदद करती हैं, जबकि उसका पति दूसरे शहर में शिक्षिका है। स्कूल में बच्चे आते हैं, और आरुषि को खुद ऑफिस खोलना पड़ता है। उसे स्कूल के शौचालयों की सफाई की चिंता है, क्योंकि अक्सर वहां गंदगी और अश्लील चित्रकारी मिलती है। वह सोचती है कि इससे बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। आरुषि और उसकी सहयोगी सुहासी मिलकर स्कूल के माहौल को बेहतर बनाने की कोशिश करती हैं, लेकिन बच्चों की शैतानियों को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण होता है। इस तरह, आरुषि अपने दायित्वों का निबाह करती है और शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखती है, बावजूद इसके कि उसे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिन्दगी --- एक दिन Upasna Siag द्वारा हिंदी लघुकथा 2 2.8k Downloads 6.5k Views Writen by Upasna Siag Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ओह ! आज फिर ताले टूटे हैं ! ना जाने क्या मिलता है लोगों को, स्कूल बंद हो जाने के बाद यहाँ के शौचालय इस्तेमाल किस लिए करते हैं ! वह खुद से सवाल से कर रही थी। तेज़ गंध बदबू से मितली सी हो आई उसे। उफ्फ़ ! अरे भई , शौचलय इस्तेमाल तो किया तो किया, फ्लश भी तो चलाया जा सकता है ! सफाई कर्मचारी को आवाज़ देते हुए उसे साफ करने को कहा। परेशान हो गई थी वह। कभी गंदगी मिलती तो कभी शौचालय की दीवारों पर अश्लील नाम और चित्रकारी मिलती। वह कभी -कभी अपनी सहयोगी सुहासी से चुहल भी कर उठती कि अगर किसी को काम शास्त्र का ज्ञान नहीं है तो वह यहाँ से ले सकता है। लेकिन जो भी था वह गलत ही तो था। बच्चों पर क्या असर पड़ता। कितनी ही बार वह दीवारों को पुतवा चुकी थी और साफ तो रोज़ ही करवाना पड़ता। More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी