यह कहानी श्याम बिहारी श्यामल द्वारा काशी के विख्यात कथाकार काशीनाथ सिंह पर लिखे गए संस्मरण के बारे में है। श्यामल, जो 1998 में अपने उपन्यास 'धपेल' से प्रसिद्ध हुए, ने साहित्य की विभिन्न विधाओं में लेखन किया है और वर्तमान में पत्रकारिता से जुड़े हैं। इस संस्मरण में, श्यामल ने काशीनाथ सिंह से अपनी पहली भेंट के अनुभव को चित्रात्मक शैली में प्रस्तुत किया है, जो न केवल साहित्यिक बल्कि समाज के समय-समाज का एक रोमांचक चेहरा भी दर्शाता है। काशी की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों का जिक्र करते हुए, लेखक ने वहाँ की विद्वत समाज और आम जन के बीच के टकराव को भी उजागर किया है। कहानी यह बताती है कि काशी हमेशा से विचारों के संघर्ष और जन-समर्थन की भूमि रही है, जहाँ पांडित्य और जनप्रतिरोध के बीच की खाई को समझा जा सकता है। महाकवि तुलसीदास द्वारा जनभाषा में रामकथा का प्रवेश भी इस संघर्ष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस प्रकार, यह संस्मरण काशी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और साहित्यिक परंपरा को उजागर करता है। काशी में हम हममें काशीनाथ Shyam Bihari Shyamal द्वारा हिंदी जीवनी 2 1.6k Downloads 6.9k Views Writen by Shyam Bihari Shyamal Category जीवनी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हिन्दी के शीर्षस्थ कथाकार काशीनाथ सिंह से प्रथम भेंट का संस्मरण। More Likes This छावां - भाग 2 द्वारा Little Angle मंजिले - भाग 5 द्वारा Neeraj Sharma छह बिंदियाँ - 1 द्वारा अजय भारद्वाज डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम भाग - 1 द्वारा अजय भारद्वाज भक्त श्री शोभा द्वारा Renu यादों की अशर्फियाँ - पूर्वभूमिका द्वारा Urvi Vaghela गोमती, तुम बहती रहना - 1 द्वारा Prafulla Kumar Tripathi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी