"विदुषी वृजरानी" मुंशी प्रेमचंद की कहानी है, जिसमें उनके जीवन के संघर्षों का वर्णन किया गया है। प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को लमही गाँव में हुआ था। उनके पिता अजायब राय डाकखाने में काम करते थे। प्रेमचंद का जीवन कठिनाइयों से भरा रहा, खासकर उनकी माँ की मृत्यु के बाद, जब उन्हें अपने सौतेली माँ और परिवार के साथ संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने 15 वर्ष की आयु में एक बड़ी और बदसूरत पत्नी से विवाह किया, जो उनके लिए दुखद अनुभव था। विवाह के एक वर्ष बाद उनके पिता का निधन हुआ, जिसके बाद उन्हें परिवार का खर्च उठाना पड़ा। आर्थिक तंगी के कारण उन्हें अपनी किताबें और कोट बेचना पड़ा। अंततः, उन्होंने एक स्कूल में अध्यापक की नौकरी प्राप्त की। प्रेमचंद ने अपनी पढ़ाई को मैट्रिक तक पहुँचाया, लेकिन गरीबी के कारण वकील बनने का सपना अधूरा रह गया। वे ट्यूशन पढ़ाकर अपना और अपने परिवार का खर्च चलाते रहे, लेकिन उनकी स्थिति बहुत कठिन थी। उनकी कहानी संघर्ष, गरीबी और शिक्षा के प्रति उनकी लगन को दर्शाती है। विदुषी वृजरानी Munshi Premchand द्वारा हिंदी लघुकथा 2 1.1k Downloads 3.6k Views Writen by Munshi Premchand Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण विदुषी वृजरानी: जब से मुंशी संजीवनलाल तीर्थ यात्रा को निकले और प्रतापचन्द्र प्रयाग चला गया उस समय से सुवामा के जीवन में बड़ा अन्तर हो गया था। वह ठेके के कार्य को उन्नत करने लगी। मुंशी संजीवनलाल के समय में भी व्यापार में इतनी उन्नति नहीं हुई थी। सुवामा रात-रात भर बैठी ईंट-पत्थरों से माथा लड़ाया करती और गारे-चूने की चिंता में व्याकुल रहती। पाई-पाई का हिसाब समझती और कभी-कभी स्वयं कुलियों के कार्य की देखभाल करती। इन कार्यो में उसकी ऐसी प्रवृति हुई कि दान और व्रत से भी वह पहले का-सा प्रेम न रहा। प्रतिदिन आय वृद्वि होने पर भी सुवामा ने व्यय किसी प्रकार का न बढ़ाया। कौड़ी-कौड़ी दाँतो से पकड़ती और यह सब इसलिए कि प्रतापचन्द्र धनवान हो जाए और अपने जीवन-पर्यन्त सान्नद रहे। More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी