BRAHMVAKYA book and story is written by VIRENDER VEER MEHTA in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. BRAHMVAKYA is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. ब्रह्मवाक्य VIRENDER VEER MEHTA द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 330 Downloads 1.1k Views Writen by VIRENDER VEER MEHTA Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण न जाने कौन सा क्षण था वह; जब मंदिर में पंडितजी की सुनी हुई एक बात, ब्रह्मवाक्य बनकर मेरे मन में ऐसे बस गई कि मैं उसे जीवन भर न भुला सकी। आज जीवन के तीसरे पड़ाव पर भी वह बात मेरे जीवन का मूल मंत्र बनी हुई है, वैसे ही; जैसे जीवन के तीसरे पड़ाव पर भी शिवलिंग पर जल चढ़ाने का नियम उसी तरह निबाह रही हूं जैसे पहली बार प्रारंभ किया था। उस समय परिवार में इस नियम के प्रति मेरे आस्मिक निर्णय पर माँ को आश्चर्य भी हुआ था, More Likes This Rent A Soul ?? - 1 द्वारा Goku ग़लती से इश्क़ हुआ - 1 द्वारा Tabish Sultan प्रेम के दो फूल - भाग 1 द्वारा Satveer Singh मोहब्बत एक बदला - भाग 1 - 2 द्वारा saif Ansari Love and Cross - 1 द्वारा Saurabh Sangani जिसे समझा मामूली वह निकला करोड़पति - SEASON 1 द्वारा ABHISHEK MUZE जब तू मेरी कहानी बन गई - 1 द्वारा Chaitanya Shelke अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी