Maharaja Ranjit SIngh - 4 book and story is written by Sudhir Sisaudiya in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Maharaja Ranjit SIngh - 4 is also popular in Biography in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
महाराजा रणजीत सिंह - भाग 4
Sudhir Sisaudiya द्वारा हिंदी जीवनी
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विवरण
घोड़े और तोपेंकिसी ने बहुत अच्छा कहा है कि रणजीत सिंह घोड़ों और तोपों के लिए दीवाने रहते थे। मेटकाफ के अनुसार : “तोपों के लिए महाराजा का दीवानापन और उनके वजन के लिए उनका आकर्षण इतना ज्यादा है कि किसी तोप के मिलने का कोई भी मौका वह हाथ से नहीं जाने दे सकते थे। उन्हें अगर पता चल जाए कि किसी किले में कोई तोप मौजूद है, तो वह तब तक चैन नहीं लेंगे जब तक कि उस तोप को पाने के लिए वह उस किले को ही फतह न कर लें और या फिर किले को उनसे
आदिकाल से ही भारत देश में, जीवन के हर क्षेत्र में, असाधारण व्यक्तियों का प्रादुर्भाव होता रहा है। हमारा इतिहास ऐसे महान लोगों के नामों से भरा पड़ा है;...
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