Manasvi - 4 book and story is written by Jitesh Pandey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Manasvi - 4 is also popular in Anything in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मनस्वी - भाग 4 Dr. Suryapal Singh द्वारा हिंदी कुछ भी 81 Downloads 279 Views Writen by Dr. Suryapal Singh Category कुछ भी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अनुच्छेद-चार जिन्दगी पतंग की तरह कट जाए तो ? अस्पताल में भी एक तरह की अनाशक्ति पनप जाती है। रोज कितने ही लोग भर्ती होते हैं, कितने ही उससे बाहर होते हैं। रोज कितनी ही मौतें हो जाती हैं। जब किसी वार्ड में पड़े हुए किसी आदमी की मौत हो जाती है तो थोड़ी देर के लिए वातावरण जरूर बोझिल हो जाता है। जैसे ही वह शव बाहर हो जाता है, ऐसा लगता है कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं। उसी बिस्तर पर चद्दर बदल दिया Novels मनस्वी 'मनस्वी' एक शोकगाथा है एक करुण उपन्यासिका (Elegiac Novelette) । शोकगीत लिखने की परम्परा अँग्रेजी, पर्शियन, उर्दू में अधिक रही है। शोकगीत किसी... More Likes This मनस्वी - भाग 1 द्वारा Dr. Suryapal Singh अनमोल मोती द्वारा DINESH KUMAR KEER टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 5 द्वारा Sonu Kasana History of Kashmir.... - 1 द्वारा pooja भारत का ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सफर - भाग 1 द्वारा Sonu Kasana अनसुनी दास्तां..... 1 द्वारा pooja दोहें का साहित्यिक विवेचन - 1 द्वारा Sonu Kasana अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी