Sathiya - 114 book and story is written by Dr. Shelja in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sathiya - 114 is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. साथिया - 114 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 1 618 Downloads 1.3k Views Writen by डॉ. शैलजा श्रीवास्तव Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण सांझ गहरी नींद में थी और अक्षत बस उसके पास बैठा उसे बस देख रहा था।"अक्षत भाई डिनर कर लीजिए..!!"" शालू ने रूम में आकर कहा।"मुझे भूख नहीं है शालू। तुम खाओ और आराम करो। मैं यहीं पर रहूंगा सांझ के पास।" अक्षत ने कहा तो शालू ने एक नजर सोई हुई सांझ को देखा और फिर बाहर चली गई।अक्षत के रहते हैं उसे सांझ की बिल्कुल भी परवाह नहीं थी। वैसे भी आज के समय में सांझ के सबसे करीबी कोई था तो वह अक्षत था और सबसे ज्यादा गहरा रिश्ता उन्ही दोनों का था।दोनों का ही एक दूसरे Novels साथिया दिल्ली की एक शानदार सोसाइटी का एक आलीशान बंगला। यह बंगला है जाने माने बिजनेस में अरविंद चतुर्वेदी का जहां पर अरविंद चतुर्वेदी अपनी पत्नी साधना और दोनो... More Likes This सनातन - 1 द्वारा अशोक असफल Revenge Love - Part 1 द्वारा zarna parmar Revenge by Cruel Husband - 1 द्वारा starwriter बीच के क्षण द्वारा Raj कुछ रंग प्यार के ऐसे भी - भाग 1 द्वारा Shruti Sharma अनंता - पार्ट 5 द्वारा zarna parmar फरमाइश... 1 द्वारा pooja अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी