विवरण
और वही विधि विवेक की बात सुन,,,,,अपने पैर पटकते हुए,,, ;गुस्से से अपने कदम कार की तरफ बढ़ा देती है,,, और वही विधि आब भी गुस्से से ,,,,,,बस अपने कदम बढ़ाए जा रही थी ,,,,,और फिर खुद से ही,,,,,,चिलगोजा कहीं का,,,, उहसे तो सुंदर मैं हूं ,,,,,,उसे होट मैं हूं ,,,,,, और वह तो कैसी दिखती है,,,,,नाम भी कितना अजीब है मीणा ,,,,किसी पुराने जमाने का नाम ,,,,,नहीं लग रहा ,,,,,,कितना खराब था ,,,,,,विवेक उसने मेरी फीलिंग की बिल्कुल कदर नहीं की,,, विधि यह कहते हुए ,,,,,वह अपने कदम बढ़ाए जा रहे थे ,,,,,,कि तभी उसे एहसास