Number 542 book and story is written by Piyush Goel in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Number 542 is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. नंबर ५४२ Piyush Goel द्वारा हिंदी लघुकथा 1 813 Downloads 2.3k Views Writen by Piyush Goel Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण एक क़स्बे में एक धार्मिक धनी सेठ रहते थे, सरल स्वभाव,मृदुभाषी, समाज में नाम, ३ बेटों के पिता, सुबह ४ बजे उठना पूजा पाठ कर दुकान जाना. सेठ जी का ये रोज़ाना का नियम था.समय की अपनी एक रफ़्तार हैं जिसको आज तक कोई नहीं रोक पाया, सेठ ने अपने बड़े बेटे की शादी करते ही एक दुकान और मकान दे दिया,दूसरे बेटे की भी शादी करते ही उसको भी दुकान और एक नया मकान दे दिया, सेठ जी का व्यापार भी बहुत बढ़ गया,सेठ ने सबसे छोटे बेटे की शादी के बाद अपने साथ व्यापार में लगा लिया और More Likes This चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 द्वारा Sumit Sharma पुर्णिमा - भाग 1 द्वारा Soni shakya CM: The untold story - 2 द्वारा Ashvin acharya चालाक कौवा द्वारा falguni doshi My Shayari Book - 1 द्वारा Roshan baiplawat रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी