grandfather Sir book and story is written by Kishore Sharma Saraswat in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. grandfather Sir is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. दादा जी Kishore Sharma Saraswat द्वारा हिंदी लघुकथा 501 Downloads 1.5k Views Writen by Kishore Sharma Saraswat Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दादा जी दादा जी यूँ तो अति दयालु और कोमल हृदय के धनी थे। परन्तु उनके दमकते चेहरे का रोआब कुछ भिन्न ही कहानी कहता था। गुँथा हुआ दोहरा बदन, सूर्ख चेहरे पर बड़ी-बड़ी मूंछें और चौड़े ललाट के ऊपर सफेद चंदन की तीन रेखाएं। यही उनकी पहचान थी। बेचारे अपने एक मात्र पौत्र से अति स्नेह रखते थे। परन्तु पता नहीं वह आठ वर्ष का नन्हा किशलय उनसे क्यों कन्नी काटता था। दादा जी उसे अपनी गोद में बैठा कर कहते: ‘'बेटा किशलय! मैं तुझे पढ़ने के लिये काशी जी भेजूंगा। वहाँ पर संस्कृत भाषा के एक महान More Likes This बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha शैतान का कुचक्र - 1 द्वारा LM Sharma Mohabbat ya Dhokha - 1 द्वारा aruhi टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 1 द्वारा Sonu Kasana तलाक - 1 द्वारा aruhi लव एंड ट्रेजडी - 14 द्वारा Urooj Khan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी