विवरण
और वहीं विराज ,,,, उसे धक्का दे,,,,जमीन पर दोबारा गिराते हुए ,,,,,,तुम मरोगी,,,,,क्योंकि मैं भी तुम्हें नहीं बचाने वाला,,,,बहुत शौक है ना तुम्हें मरने का ,,,,,तो जाओ मरो,,,,,लेकिन मुझे उम्मीद मत करना ,,,,, कि मैं तुम्हें बचाऊंगा ,,,,यह कह वह वह वहां से जाने लगता है,, जिसे सुन अंजली की आंखों में आंसू आ जाते हैं ,,,,जिससे वह अपने नंम आंखों से ,,,,एक नजर विराज को देख,,,,दोबार शेर की तरफ देखती है ,,,जो कि वह अपने कदम उसी की तरफ बढ़ा रहा था ,,,, जिसे देख ,,,,,अंजलि की सांस रुक से गई थी,,,,,की वह शेर ,,अंजली के बिल्कुल नजदीक का