विवरण
और वहीं दूसरी तरफ विवेक ,,,,,सोफे पर बैठा कब से किसी का नीचे आने का इंतजार कर रहा था,,,,,,जिससे वह अपने मन में,,,,,यह लड़की कभी नहीं; सुधर सकती,,,,,,आज ही इसका ,,,,कॉलेज का पहला दिन है ,,,,,,और आज भी यह लेट करके रहेगी ,,,,,,और इस विराज ने मुझे कहां फंसा दिया ,,,,,,और अब जाओ,,,,,,और इस महारानी को उठाओ,,,,,,यह कहते हुए ,,,,विवेक बढबढते हुए ,,,,,सीढ़ी चढ़ते हुए,,,,,कैमरे की तरफ जाने लगता हैकी तभी विवेक धीरे से कमरे का दरवाजा खोल,,,,,चारों तरफ देखता है,,,,,,तो वह कैमरा ,,,, पूरा खाली होता हैवहां पर ,,, उसे,,,,किसी की चू चा तक की भी आवाज नहीं आती