Shrimad Bhagwat Geeta Meri Samaj me book and story is written by Ashish Kumar Trivedi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Shrimad Bhagwat Geeta Meri Samaj me is also popular in Spiritual Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. श्रीमद्भगवद्गीता मेरी समझ में - अध्याय 17 Ashish Kumar Trivedi द्वारा हिंदी आध्यात्मिक कथा 126 Downloads 393 Views Writen by Ashish Kumar Trivedi Category आध्यात्मिक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अध्याय 17 श्रद्धा त्रय विभाग योगईश्वर पर श्रद्धा ही मनुष्य की मुक्ति का साधन है। स्वयं को श्रद्धापूर्वक ईश्वर के चरणों में समर्पित करने से ही मुक्ति मिलती है। मनुष्य प्रकृति के तीन गुणों से प्रभावित होता है। ये तीन गुण उसकी श्रद्धा, भोजन और तप पर भी प्रभाव डालते हैं। इस अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने उसी का वर्णन किया है। अर्जुन ने पूछा कि हे कृष्ण जो धर्मग्रन्थों की आज्ञाओं की उपेक्षा करते हैं पर फिर भी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं, उन लोगों की स्थिति क्या होती है? क्या उनकी श्रद्धा, सत्वगुणी, रजोगुणी अथवा तमोगुणी होती अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी