Janamejaya book and story is written by Renuka Dubey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Janamejaya is also popular in Mythological Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. जनमेजय Renu द्वारा हिंदी पौराणिक कथा 1 2.3k Downloads 6.3k Views Writen by Renu Category पौराणिक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जनमेजय अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र थे। जनमेजय की पत्नी वपुष्टमा थी, जो काशीराज की पुत्री थी। बड़े होने पर जब जनमेजय ने पिता परीक्षित की मृत्यु का कारण सर्पदंश जाना तो उसने तक्षक से बदला लेने का उपाय सोचा। जनमेजय ने सर्पों के संहार के लिए 'सर्पसत्र' नामक महान यज्ञ का आयोजन किया। नागों को इस यज्ञ में भस्म होने का शाप उनकी मां कद्रू ने दिया था। नागगण अत्यंत त्रस्त थे। समुद्र मंथन में रस्सी के रूप में काम करने के उपरान्त वासुकी ने सुअवसर पाकर अपने त्रास की गाथा ब्रह्मा से कही। उन्होंने कहा कि More Likes This एक कदम बदलाव की ओर - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi महाशक्ति - 1 द्वारा Mehul Pasaya कामसूत्र - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi प्रयाग यात्रा - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) मोनालिसा: एक रहस्यमयी कृति की अद्भुत गाथा - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi चौबोली रानी - भाग 4 द्वारा Salim आहि चली नॉवेल वल्ड मै - 1 द्वारा payal chandora अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी