my dreams my own book and story is written by दिनेश कुमार in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. my dreams my own is also popular in Anything in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मेरे सपने मेरे अपने DINESH KUMAR KEER द्वारा हिंदी कुछ भी 560 1.5k Downloads 4.8k Views Writen by DINESH KUMAR KEER Category कुछ भी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 1.किसी का शुकून बनो, सिर दर्द तो कोई भी बन सकता है।2.मिलते रहना, किसी ना किसी बहाने से। रिश्ते मजबूत बनते है, दो पल साथ बिताने से।। 3.दर्द तब होती है, जब खुद को ठोकर लगती। वरना, दूसरों के तो सिर्फ लहू ही नजर आते दर्द नहीं।। 4.दुनिया में इंसान को हर चीज़ मिल जाती है।सिर्फ अपनी गलती नही मिलती है।। 5.भरोसा अगर खुद पर है, तो वह आपकी ताकत है। और अगर दूसरों पर है, तो वह आपकी कमजोरी है।। 6.जब समय अच्छा होता है, तो गलती भी मज़ाक़ लगती है। और जब समय ख़राब होता है, तो मज़ाक़ More Likes This अमेरिकी स्वप्न और भारत के विस्मृत माता-पिता द्वारा S Sinha मेरे विचार... जीवन के पार द्वारा Krayunastra SK Arya राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 17 द्वारा Kishanlal Sharma साहित्यिक साझा मानसिक मी टू `बतर्ज़ सबरीमाला ब्ला ---ब्ला --- - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha रेल सेवा:कुछ यादें, कुछ किस्से-एक द्वारा Kishanlal Sharma अदालत-मुकदमा और वकील - 1 द्वारा Kishanlal Sharma ड्रैगन प्रिंस यश - 1 द्वारा Isolated Life अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी