Lalkile ki prachir se book and story is written by bhagirath in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Lalkile ki prachir se is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. लाल किले के प्राचीर से bhagirath द्वारा हिंदी लघुकथा 1.1k Downloads 2.9k Views Writen by bhagirath Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण लाल किले के प्राचीर से लाल किले के प्राचीर से इस बार भी सपने दिखाए गए । जनता को लुभाने के लिए नये-नये सपने बुने गए। लोगों की आँखों में सपने तैरे और फिर तालियों की गड़गड़ाहट के बीच आने वाले वर्षों में सत्ता पर जमे रहने का भरोसा मिल गया। उद्बोधक स्वयं अपने लिए सपने बुन रहा था। पूरे एक हजार साल राज करने के सपने। जन गण भले ही मन ही मन हँस रहा हो पर उद्बोधक के मन में लड्डू फूट रहे थे। सुनहरे सपने दिखाने और देखने में किसी को क्या एतराज हो सकता है। More Likes This वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी