ghunghat kahe ughaaren book and story is written by शैलेंद्र् बुधौलिया in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. ghunghat kahe ughaaren is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. घूंघट काये उघारें, ठाड़ीं भुन्सारे सें द्वारें शैलेंद्र् बुधौलिया द्वारा हिंदी कविता 1 1.6k Downloads 4k Views Writen by शैलेंद्र् बुधौलिया Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बुन्देली कविता घूंघट काये उघारें ! ठाड़ीं भुन्सारे सें द्वारें! रूखे बार कजर बिन अखियां भीतर सें मन मारें! ठाड़ीं भुन्सारे सें द्वारें! कैसीं हो अनमनी तुम्हाई सूरत पै हैरानी , ऐसो लगत हिये की जैसे कौनउ चीज हिरानी! जैसें कौनउ प्यासो पंछी सूखे ताल किनारें ! ठाड़ीं भुन्सारे सें द्वारें! कै तो सास कही कछु तोसें कै रिस भरी जेठानी, कै ननदी ने विष के बोलन तो खों करी दीवानी! कै कछु बातन साजन छेदीं तीखी नैन कटारें। ठाड़ीं भुन्सारे सें द्वारें! कौउ कछु न बात कही है मीत हिरानो मन कौ, निशदिन परत पराई सेजन माली जा More Likes This मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल कविता संग्रह द्वारा Kaushik Dave मेरे शब्दों का संगम द्वारा DINESH KUMAR KEER हाल ए दिल द्वारा DINESH KUMAR KEER अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी