Unkahe Rishtey - 4 book and story is written by Vivek Patel in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Unkahe Rishtey - 4 is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
Unkahe रिश्ते - 4
Vivek Patel
द्वारा
हिंदी लघुकथा
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विवरण
बहुत से रिश्तों की बातें की है मेने चलो आज में उपनी ही बात कर लेता हूं, मैं उन लोगो मे से हूँ जो ज़्यादातर किसी अंजानो से बाते नही करते या फिर उनसे गुल मिल के रहने मैं बहुत देर लगती है तब तक शायद सामने वाला इंसान या तो Give up कर चुका होता है या फिर हमारे रहने न रहने के उसपे फिर कोई प्रभाव नही रहता। हमारा रिश्ता उन आम रिश्तो मैं शामिल हो जाता , जहा बस ज़्यादातर रिश्ते वो किताब से हो जाते है जिसे हमने पढ़ लिया होता है ओर अब वो कोने
मेरे Dad मेरा जुठ जानते है...
वैसे तो बहुत सारे रिस्तो के बारे मैं मुझे बताना है लेकिन क्या है कि जाने पहचाने रिश्ते तो रोज मुझे मेरे होने का अहसास...
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