pure of heart book and story is written by दिनेश कुमार in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. pure of heart is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मन से पवित्र DINESH KUMAR KEER द्वारा हिंदी लघुकथा 1k Downloads 3.1k Views Writen by DINESH KUMAR KEER Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मन से पवित्रएक बार देवर्षि नारद ज्ञान का प्रचार करते हुए किसी सघन वन में जा पहुँचे।वहाँ उन्होंने एक बहुत बड़ी घनी छाया वाला सेमल का वृक्ष देखा। उसकी छाया में विश्राम करने का विचार कर नारद उसके नीचे बैठ गए।नारद जी को उसकी शीतल छाया में बड़ा आनन्द मिला।वे उसके वैभव की भूरि - भूरि प्रशंसा करने लगे। उन्होंने सेमल के वृक्ष से पूछा- 'वृक्षराज! तुम्हारा इतना बड़ा वैभव किस प्रकार सुस्थिर रहता है।पवन तुम्हें गिराता क्यों नहीं?'सेमल के वृक्ष ने हॅंसते हुए कहा- देवर्षि! पवन का क्या सामर्थ्य कि वह मेरा बाल भी बांका कर सके। वह किसी More Likes This True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS पाठशाला द्वारा Kishore Sharma Saraswat डिप्रेशन - भाग 1 द्वारा Neeta Batham मोहब्बत - पार्ट 1 द्वारा mohammad sadique सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी