swarg ki oar book and story is written by Dikshadixit in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. swarg ki oar is also popular in Anything in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. स्वर्ग की ओर Dikshadixit द्वारा हिंदी कुछ भी 1 1.4k Downloads 3.9k Views Writen by Dikshadixit Category कुछ भी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आज जब मैं अपने स्कूल से छुट्टी के बाद बाहर आई तो मेने देखा की आज पापा मुझे लेने नही आए हैं। पापा रोज मुझे लेने आते थे आज क्यू नही आए, मैं स्कूल के बाहर घंटो इंतजार करने लगी बहुत देर होने के बाद मैं सोची शायद किसी काम एम फस गए होंगे। इसी लिए नही आए मेने फोन करने की कहा सर ने पापा को कॉल लगाया पापा उठाए नही सर बोले बेटा तुमको मैं छोड़ के आऊं किया घर मेने कहा भी सर मैं चली जाऊंगी छोटी बच्ची थोड़े हूं जो अकेले घर नही जा सकती, सर More Likes This THIEF BECOME A PRESEDENT - PART 2 द्वारा saif Ansari Life - Part 1 द्वारा ᴀʙнιsнᴇκ κᴀsнʏᴀᴘ छत्रपति शिवाजी - भाग 1 द्वारा Shrishti Kelkar कोइयाँ के फूल - 1 द्वारा Dr. Suryapal Singh कारवाॅं - 1 द्वारा Dr. Suryapal Singh Shyari form Guri Baba - 1 द्वारा Guri baba पहली ग्रामोफोन रिकॉर्ड वाली गायिका गौहर जान द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी