Pardesh me Jindagi - 2 book and story is written by Ekta Vyas in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pardesh me Jindagi - 2 is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
परदेस में ज़िंदगी - भाग 2
Ekta Vyas
द्वारा
हिंदी क्लासिक कहानियां
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विवरण
कहानी:- परदेस मैं ज़िंदगी भाग - 2 अब तक आपने पढ़ा की किस प्रकार मितेश भाई के जीवन में उतार चढ़ाव आए और वो लोग हमेशा हमेशा के लिए विदेश चले गए। अब आगे विदेश का जीवन मितेश भाई के लिए आसान न था अपना घर, अपने लोग और अपने शहर को छोड़ कर एक ऐसे देश में रहना जहाँ का मौसम भी आपका बैरी हो। अपना देश, अपनी धरती, अपने लोगों को छोड़कर कौन जाना चाहता है? पर कई बार हम बहुत से फैसले परिवार के लिए करते हैं। हमको। लगता है कि विदेश जाकर रहना ही ठीक है
आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के कच्छ सेंटर जहाँ मैं अपने अति उत्साही कार्यकर्ताओं के साथ एक बड़े से हॉल में जमीन पर बिछी लाल- काली धारी वाली दरी पर बैठी हूँ।...
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