Gharu book and story is written by satish bhardwaj in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Gharu is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. घरू satish bhardwaj द्वारा हिंदी लघुकथा 1 930 Downloads 2.4k Views Writen by satish bhardwaj Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण परितोष तेजवानी घर में आते ही सबसे पहले अपने पिता जगमोहन तेजवानी के पास आया। जगमोहन तेजवानी लगभग 83 वर्ष के विधुर वृद्ध हैं, सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त। परितोष भी प्रोढ़ अवस्था में आ चुका एक नामचीन पत्रकार है।जगमोहन अपने कमरे में अपनी कुर्सी पर बैठे नित्य की भांति अपने ही विचारों में लीन है। धीमी आवाज़ में मल्लिका पुखराज के गाने चल रहे हैं।परितोष ने अपने पिता के हाथों को अपने हाथों से नरमी के साथ पकड़ा और बोला “पापा जी”। जगमोहन का ध्यान भंग हुआ और पुत्र को देखकर एक हलकी सी मुस्कराहट अपने चहरे पर बिखेर दी। More Likes This वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी