Parchayi book and story is written by Devika Singh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Parchayi is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. परछाई Devika Singh द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 1.5k Downloads 4.1k Views Writen by Devika Singh Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कभी कभी मेरा दिल होता है कि मैं बहुत रोऊं लेकिन अगर रोंऊंगी तो उसको कैसे संभालूंगी, यही चिंता दिन रात सताती है। उसके लिए मुझे दुगनी ताकत से खड़ा होना है। वह विशेष है इतना विशेष कि उसके जैसे लोग बहुत कम हैं। बाहर सूरज जब उगता है तो नए दिन की शुरुआत होती है एक ऐसे ही दिन एक सूरज उगा और उसे मैंने अपने गर्भ के अंदर महसूस किया। मैं बहुत खुश थी एक और परिवार के सदस्य के आने के बाद मेरा परिवार संपूर्ण हो जाएगा। हर खाने पीने की कमी एक से एक बढ़कर डॉक्टरों More Likes This प्रेम और युद्ध - 1 द्वारा Anand Tripathi कल्पांत सृजन द्वारा satish bhardwaj तानाशाह - भाग 1 द्वारा MaNoJ sAnToKi MaNaS सर्विस पॉर्ट - 1 द्वारा Lalit Kishor Aka Shitiz किरन - 2 द्वारा Veena नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 1 द्वारा Neha Hudda प्यार बेशुमार - भाग 6 द्वारा Aarushi Thakur अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी