yesterday and today book and story is written by Pranava Bharti in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. yesterday and today is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. बीता कल और आज Pranava Bharti द्वारा हिंदी लघुकथा 1 1.9k Downloads 6k Views Writen by Pranava Bharti Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ----------------------- आज जब कल की बात सोचती हूँ तो लगता है एक सपना जीती रही हूँ ताउम्र ! जीवन के शिशुपन से आज जीवन की अंतिम कगार पर खड़े हुए एक लंबी, असहाय सी श्वाँस निकलकर मेरे चारों ओर पसर जाती है | न, उनमें कोई ऎसी तड़प नहीं है कि आँसुओं से लबरेज़ हो जाएँ आँखें या फिर वो श्वाँस निस्तब्ध सी मेरे व्यक्तित्व को असहाय बनाने के लिए सामने खड़ी मिले | उसमें है जीवन का वो द्वन्द जो न जाने कितनी सँकरी गलियाँ खोलकर एक दृश्य अंकित करता है फिर वे दृश्य बदलते रहते हैं, उनके परिवेश More Likes This True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS पाठशाला द्वारा Kishore Sharma Saraswat डिप्रेशन - भाग 1 द्वारा Neeta Batham मोहब्बत - पार्ट 1 द्वारा mohammad sadique सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी