Bhavanyashtakam book and story is written by Dr. Bhairavsinh Raol in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bhavanyashtakam is also popular in Spiritual Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. भवान्यष्टकम् Dr. Bhairavsinh Raol द्वारा हिंदी आध्यात्मिक कथा 5 3k Downloads 6.7k Views Writen by Dr. Bhairavsinh Raol Category आध्यात्मिक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण भवानी मां को स्तुति के आठ मंत्र में गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि।हे मां दुर्गा तुम्ही गति हो, तुम्हीं गति हो, तुम्हीं मेरी एकमात्र गति हो।यह प्रार्थना करते हैं।भवान्यष्टकम् आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित सर्वश्रेष्ठ एवं कर्णप्रिय माता दुर्गा भवानी की स्तुतियों में से एक है।न तातो न माता न बन्धुर्न दाता न पुत्रो न पुत्री न भृत्यो न भर्ता ।न जाया न विद्या न वृत्तिर्ममैव गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि ।१।अर्थ : हे भवानी ! न पिता, न माता, न बंधु, न दाता, न पुत्र, न पुत्री, न सेवक, न स्वामी, न पत्नी, न विद्या, न मन शाश्वत रूपसे मेरा है, More Likes This छावां - भाग 1 द्वारा Little Angle मुक्त - भाग 1 द्वारा Neeraj Sharma महाभारत की कहानी - भाग 1 द्वारा Ashoke Ghosh बुजुर्गो का आशिष - 3 द्वारा Ashish स्पंदन - 1 द्वारा Madhavi Marathe भगवान् के चौबीस अवतारों की कथा -8 द्वारा Renu चैनल की डिश वाला भूत द्वारा Aariz Billan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी