VYAPARI book and story is written by Rohit Kumar Singh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. VYAPARI is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. व्यापारी Rohit Kumar Singh द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 1k 3k Downloads 7.3k Views Writen by Rohit Kumar Singh Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रवि कुमार सरावगी ग़मगीन बैठा था,अपनी विशालकाय कुर्सी मे अपनी एक हथेली कुर्सी की पुश्त से टिका कर किसी गहरी सोच मे डूबा था,उसकी आंखो से आंसू टपक रहे थे,और चेहरा मायूसी भरा था।अभी उसकी उम्र महज 30 साल की थी,मगर आज की तारीख मे वो ज्वेलरी के धंधे मे अपने शहर का बेताज बादशाह था,उसके दुकान के नाम का सिक्का चला करता था,बडे बडे लोग उसके दुकान के ग्राहक थे,और ऊंची हस्तियां भी उसके ब्रांड का प्रचार किया करती थीं।फिर ऐसा शानदार आदमी दुख मे डूबा क्यों बैठा था,दरअसल उसे अभी अभी समाचार मिला था कि कनाडा मे उसके More Likes This Last Benchers - 1 द्वारा govind yadav जेन-जी कलाकार - 3 द्वारा Kiko Xoxo अंतर्निहित - 1 द्वारा Vrajesh Shashikant Dave वो जो मैं नहीं था - 1 द्वारा Rohan रुह... - भाग 7 द्वारा Komal Talati कश्मीर भारत का एक अटूट हिस्सा - भाग 1 द्वारा Chanchal Tapsyam बीते समय की रेखा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी