RASHTRIYA PURASKAR book and story is written by Rohit Kumar Singh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. RASHTRIYA PURASKAR is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. राष्ट्रीय पुरस्कार Rohit Kumar Singh द्वारा हिंदी लघुकथा 533 1.9k Downloads 6k Views Writen by Rohit Kumar Singh Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण उसे बडा गुस्सा आता,मन ही मन वो आग बबूला हो उठता था,जब उसकी पत्नी या जवान बच्चे उसे बेरोजगार कहते,,कभी सामने ,कभी पीठ पीछे किसी और के।अरे जीवन भर किसानी कर बच्चो को पढाया लिखाया, रहने को मकान बनवा दिया,कच्चा ही सही,अब देह मे भले वो ताकत नही रही,कि और ज्यादा कमा सके,60 साल का हो गया ,तो क्या बेरोजगार हो गया,कैसी बेशर्मी है इनकी आंखो मे।समर चौहान अपने समय का बारहवी पास था,कालेेेज का एक साल भी देख चुका था,अभी भी अच्छी अंग्रेजी बोल और लिख भी सकता था,और हिन्दी मे तो उसका जोड मिलना मुश्किल था,इस मामले मे More Likes This रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी