सुबह का भुला.. book and story is written by Dr. Shelja in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. सुबह का भुला.. is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. सुबह का भुला.. डॉ. शैलजा श्रीवास्तव द्वारा हिंदी लघुकथा 3.2k 2.9k Downloads 9k Views Writen by डॉ. शैलजा श्रीवास्तव Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण "अब बहुत हुआ बस, अब नहीं सह सकती मैं! हर बात में मनमानी, हर बात में जिद| अब और नहीं सहना उनकी तानाशाही| पिता हैं तो क्या हर वक़्त सिर्फ रोकते टोकते रहेंगे? कभी खुल के जीने नहीं देंगे?" रागिनी खुली सड़क पर चलते चलते सोच रही थी|मुझे कभी अपना समझा? नहीं कभी नहीं! उनके लिए तो बस मैं एक कठपुतली हूँ, जिसकी डोर हमेशा बस उनके हाथ में होनी चाहिए| ऐसे होते हैं पिता?" रागिनी बड़बड़ाई|"ऐसा क्या माँग लिया था? बस एक नए ज़माने का फ़ोन और स्कूल पिकनिक पर मनाली जाने की इजाजत| कितनी बातें सुना डाली? लड़कियों More Likes This अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी