Raaj-Sinhasan - 5 book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Raaj-Sinhasan - 5 is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
राज-सिंहासन--भाग(५)
Saroj Verma
द्वारा
हिंदी क्लासिक कहानियां
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विवरण
राजकुमार सहस्त्रबाहु अनादिकलेश्वर ऋषि के आश्रम में बिल्कुल सुरक्षित थे,कोई भी वशीकरण शक्तियांँ उन्हें कोई भी हानि नहीं पहुँचा सकतीं थीं,उनकी रक्षा के लिए महामंत्री भानसिंह सदैव तत्पर थे और माँ हीरादेवी तथा पिता घगअनंग उन्हें पुत्र सा ही दुलार दे रहे थे, इधर वीरभद्र को एक ऋषिकन्या से प्रेम हो गया,उसने ये बात भानसिंह से कही एवं भानसिंह ने उस ऋषिकन्या केतकी का विवाह वीरभद्र से करवा दिया एवं शम्भूनाथ को राजा वनराज के सेवकों में से एक सेविका भा गई थी जिसका नाम मधुमती था,इसलिए भानसिंह ने वनराज को ये संदेशा भेजा कि यदि आप मधुमती और शम्भूनाथ
सूरजगढ़ के राजा सोनभद्र अपने कक्ष में अत्यधिक चिन्तित अवस्था में टहल रहें हैं,उनके मस्तिष्क की सिलवटें बता रहीं हैं कि उन्हें किसी घोर चिन्ता ने आ घेरा...
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