Raaj-Sinhasan - 4 book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Raaj-Sinhasan - 4 is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
राज-सिंहासन--भाग(४)
Saroj Verma
द्वारा
हिंदी क्लासिक कहानियां
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विवरण
भानसिंह अपनी बहन हीरादेवी,बहनोई घगअनंग ,शिष्य शम्भूनाथ और राजकुमार को लेकर अनादिकल्पेश्वर के आश्रम के ओर निकले ही थे कि इधर ज्ञानेश्वर ऋषि के आश्रम में सुकेतुबाली अपनी सेना के संग राजकुमार को खोजते हुए आ पहुँचा,जब आश्रम में किसी ने भी राजकुमार के विषय में नहीं बताया तो उसने ज्ञानेश्वर ऋषि समेत सबकी हत्या करवा दी और आश्रम को अग्नि के सुपुर्द करके भाग गया किन्तु उस आश्रम से एक वीरभद्र नामक युवक भाग निकला।। उसने कहीं से एक अश्व का प्रबन्ध किया और भानसिंह की खोज में निकल पड़ा कि वो भानसिंह को ये बता सकें ऋषि ज्ञानेश्वर
सूरजगढ़ के राजा सोनभद्र अपने कक्ष में अत्यधिक चिन्तित अवस्था में टहल रहें हैं,उनके मस्तिष्क की सिलवटें बता रहीं हैं कि उन्हें किसी घोर चिन्ता ने आ घेरा...
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