Gulabo - 4 book and story is written by Neerja Pandey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Gulabo - 4 is also popular in Women Focused in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. गुलाबो - भाग 4 Neerja Pandey द्वारा हिंदी महिला विशेष 7.2k 5.4k Downloads 10.5k Views Writen by Neerja Pandey Category महिला विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण गुलाबो के परदेश चले जाने से रज्जो बिलकुल अकेली हो गई। पहले हर वक्त गुलाबो साथ रहती। उसकी चपलता से सास की डांट भी ज्यादा देर तक याद नही रहती थी। गुलाबो जैसे रज्जो की आदत हो गई थी। उसका बचपना, उसकी अल्हड़ हंसी से रज्जो की सारी चिंता पर विराम लग जाता था। काम तो सारे वो खुद ही करती पर गुलाबो साथ साथ लगी रहती, हाथ बंटा देती, तो जी लगा रहता। गुलाबो की चांद चपड़ चपड़ उसे से उसे काम करने की ऊर्जा मिलती। वो गुलाबो को बहुत याद करती। घर का सारा काम काज निपटाते ही Novels गुलाबो दूर से आती लाठी की ठक ठक की आवाज सुनकर रज्जो और गुलाबो चौकन्नी हो गई। दोनों ऊपर छत पर से पड़ोसी की बहू के संग अपना अपना दुखड़ा एक दूसरे से साझा कर रह... More Likes This जहरीला घुंगरू - भाग 1 द्वारा Raj Phulware अनकही मोहब्बत - 6 द्वारा Kabir इंतेक़ाम - भाग 17 द्वारा Mamta Meena तन्हाई - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik शंम्मो जान भाग- 1 द्वारा Lakshmi छवि भाग- 3 द्वारा Lakshmi चंद्रकांता: एक अधूरी विरासत की खोज - 1 द्वारा Keshwanand Shiholia अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी