Apne ghar ka beta book and story is written by S Bhagyam Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Apne ghar ka beta is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. अपने घर का बेटा S Bhagyam Sharma द्वारा हिंदी लघुकथा 4 1.8k Downloads 5.7k Views Writen by S Bhagyam Sharma Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण लेखक मीनासुन्दर तमिल कहानी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा अम्मा सुबह से ही बहुत व्यस्त है क्योंकि करीब तीन साल बाद रवि आज आ रहा है। रवि, मेरे साथ पढ़ा हुआ है। मेरा करीबी दोस्त है। ऐसा भी कह सकते है कि वह अम्मा का दूसरा बेटा है ऐसा कहना ज्यादा सही होगा । मुझसे ज्यादा अम्मा उसे पंसद करती थी। उसे क्या पंसद है, उसे क्या चाहिये पूछ-पूछ कर बनाती थी। हमारे मोहल्ले में ही चार घर छोड़कर उसके मामा के मकान में रह कर रवि पढ़ता था। उसके मामा केन्द्रीय राजकीय नौकरी में थे। उनका जब दिल्ली तबादला हुआ More Likes This सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा Rupali दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी