Suhag, Sindoor aur Prem - 5 book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Suhag, Sindoor aur Prem - 5 is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
सुहाग, सिन्दूर और प्रेम - भाग(५)
Saroj Verma
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
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विवरण
दूसरी रात भी अल्हड़ सरगम ने संयम की मन की बात को ना समझा,संयम के नाम के अनुसार ही उसका स्वभाव भी था,अपनी नई नवेली दुल्हन से वो जी भर कर बातें करना चाहता था लेकिन शायद इन सबका उसके जीवन में अभी समय नहीं आया था,यही सोचते सोचते संयम की आँख लग गई,सुबह हुई और फिर से दयमंती बुआ ने दरवाजा खटखटाया और आज भी संयम ने ही दरवाजा खोला..... दयमंती ने देखा कि आज भी सबकुछ वैसे का वैसा,कितनी नादान है ये लड़की कुछ भी नहीं जानती,मैने कितना समझाया था लेकिन समझी ही नहीं,दयमंती ने मन में
बुआ जी ! स्टोरूम में ये किसी की शादी की तस्वीर मिली है, इसमें ये महिला तो मम्मी जी जैसी लग रही हैं, लेकिन पुरूष तो पापा जैसे नहीं लग रहें, अविका ने अप...
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