Arthava Ved book and story is written by Rajat Singhal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Arthava Ved is also popular in Anything in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. अथर्ववेद संहिता का चिंतन-मनन: - मेधाजनन Rajat Singhal द्वारा हिंदी कुछ भी 2 2.8k Downloads 10.2k Views Writen by Rajat Singhal Category कुछ भी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण चिंतन-मनन: - मूलत: सूक्त अपने आप में दो शब्दों को समाहित किये हुए है, मेधा व जनन। मेधा का तात्पर्य है बुद्धि की योग्यता व जनन का मतलब उत्पति। इस प्रकार इस सूक्त का मूल विचार बुद्धि की कुशाग्रता व योग्यता की उत्पति की ओर ध्यान मे आता है। बुद्धि की उत्पति के कारक में हम गुरू व शिष्य के द्वारा संवाद हुई विद्या व विद्या प्राप्ति की विधियों को कह सकते है। अत: कारको के रूप में चार कारकों का यहाँ व्याखान किया गया है, जो है गुरू, शिष्य, विद्या व विद्या की विधियाँ। सूक्त में शिष्य More Likes This मनस्वी - भाग 1 द्वारा Dr. Suryapal Singh अनमोल मोती द्वारा DINESH KUMAR KEER टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 5 द्वारा Sonu Kasana History of Kashmir.... - 1 द्वारा pooja भारत का ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सफर - भाग 1 द्वारा Sonu Kasana अनसुनी दास्तां..... 1 द्वारा pooja दोहें का साहित्यिक विवेचन - 1 द्वारा Sonu Kasana अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी