fathers day parpita ki yad me book and story is written by डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. fathers day parpita ki yad me is also popular in Comedy stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. फादर्स डे पर पिता जी की याद में डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 3 2.3k Downloads 10.2k Views Writen by डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण फादर्स डे पर पिता जी की याद में स्वतंत्र कुमार सक्सेना डुकरा करोना पीड़ित वृद्ध के अस्पताल में भर्ती के उपरांत स्वस्थ होने पर घर लौटने पर परिजनों के स्वागत में मनोभाव हमने तो सोची ती डुकरा मर जै है खूब देख लई दुनिया अब सरगै जै है । परौ गओ गाड़ी में उखरी सांस हती सोची न ती लौट के दौरत घर आ है । हम ने तो सोची ती डुकरा मर जै है गाडी भर मरघटा लकरियां पौंचा दईं अर्थी तक मिल जुल कै पैलउं बनवा लई जोर तोर कर पाए व्यवस्था सब कर More Likes This मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur राज घराने की दावत..... - 1 द्वारा pooja कॉमेडी कहानी 3 दोस्तों की - 1 द्वारा Roshan baiplawat समानांतर दुनिया - 1 द्वारा Mansi बाबू जी की मुक्त शैली पिटाई - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) चरणनंदन का अभिनंदन - 1 द्वारा Tripti Singh अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी