विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 16 S Bhagyam Sharma द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें जासूसी कहानी किताबें विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 16 Vivek you tolerated a lot! - 16 book and story is written by S Bhagyam Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Vivek you tolerated a lot! - 16 is also popular in Detective stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 16 S Bhagyam Sharma द्वारा हिंदी जासूसी कहानी 2k 6.4k अध्याय 16 डॉ. अमरदीप ऑपरेशन के कमरे से एक दीर्घ श्वास छोड़ कर थके हुए बाहर आए। पोरको के पिता तिरुचिरंमंपलम, अपनी पत्नी और तीनों लड़कियों के साथ डॉक्टर की तरफ तेजी से आए। "डा... डॉक्टर...!" अमरदीप उनके चेहरों ...और पढ़ेन देख पाने से सिर झुका लिया। "डॉक्टर ! क्यों बोले बिना खड़े हो? पोरको का ऑपरेशन सही ढंग से हो गया...? उसकी जान को अब कोई खतरा तो नहीं है ना?" अमरदीप अपने चश्मे को उतारा। उनकी आंखों में आंसू चमकने लगे। "सॉरी....! वह स्क्रोल साइप्रो, मुझ से जीत गया....पोरको को मैं बचा नहीं पाया...." वह पूरा परिवार स्तंभित कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 16 विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - उपन्यास S Bhagyam Sharma द्वारा हिंदी जासूसी कहानी (103) 60k 175k Free Novels by S Bhagyam Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी