vachan - 2 book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. vachan - 2 is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वचन--भाग (२)
Saroj Verma
द्वारा
हिंदी क्लासिक कहानियां
Five Stars
4.3k Downloads
9.5k Views
विवरण
वचन--भाग(२) उधर शहर में प्रभाकर अपना सामान बाँधने में लगा था तभी उसके मित्र कैलाश ने आकर पूछा___ कहीं जा रहे हो मित्र! हाँ! रात की गाड़ी से निकलूँगा, गाँव जा रहा हूँ, इम्तिहान जो हो गए हैं और अभी नतीजे आने में वक्त हैं तो यहाँ भी रहकर क्या करूँगा? प्रभाकर बोला।। और सुनैना का क्या?वो तुम्हारे बिन रह पाएंगी, कैलाश ने पूछा।। हाँ! भाई यही तो कसौटी है, कभी कभी अपनोँ की खातिर बहुत कुछ त्यागना पड़ता है और अगर उसे मुझसे सच्चा प्रेम है तो मेरा इंतज़ार जरूर कर पाएंगी, नहीं तो इसका मतलब उसकी मौहब्बत
वचन--भाग(१) चंपानगर गाँव____ सेठ मनीराम अपनी दुकान में बैठकर सामान को तुलवा रहें हैं, पुरोहित जी के बेटे की शादी है तो सारा सामान मनीलाल जी के...
More Likes This
अन्य रसप्रद विकल्प
- हिंदी लघुकथा
- हिंदी आध्यात्मिक कथा
- हिंदी फिक्शन कहानी
- हिंदी प्रेरक कथा
- हिंदी क्लासिक कहानियां
- हिंदी बाल कथाएँ
- हिंदी हास्य कथाएं
- हिंदी पत्रिका
- हिंदी कविता
- हिंदी यात्रा विशेष
- हिंदी महिला विशेष
- हिंदी नाटक
- हिंदी प्रेम कथाएँ
- हिंदी जासूसी कहानी
- हिंदी सामाजिक कहानियां
- हिंदी रोमांचक कहानियाँ
- हिंदी मानवीय विज्ञान
- हिंदी मनोविज्ञान
- हिंदी स्वास्थ्य
- हिंदी जीवनी
- हिंदी पकाने की विधि
- हिंदी पत्र
- हिंदी डरावनी कहानी
- हिंदी फिल्म समीक्षा
- हिंदी पौराणिक कथा
- हिंदी पुस्तक समीक्षाएं
- हिंदी थ्रिलर
- हिंदी कल्पित-विज्ञान
- हिंदी व्यापार
- हिंदी खेल
- हिंदी जानवरों
- हिंदी ज्योतिष शास्त्र
- हिंदी विज्ञान
- हिंदी कुछ भी
- हिंदी क्राइम कहानी