bagi atma 9 book and story is written by रामगोपाल तिवारी (भावुक) in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. bagi atma 9 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. बागी आत्मा 8 रामगोपाल तिवारी (भावुक) द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 4 2k Downloads 5.8k Views Writen by रामगोपाल तिवारी (भावुक) Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बागी आत्मा 8 आठ प्रिय आशा- मैं यह नहीं जानता था कि चिर-मिलन के स्वप्नों में जुदाई की घड़ियां भी होती हैं। आप लोग हर बात में मुझे ही दोशी मानेंगे। पर सच मानो आशामैंने उसकी हत्या जान बूझकर नहीं की। उसकी बन्दूक उठ़ा लेने का मेरा मात्र इरादा था। देवीयोग से ठीक वक्त पर वह दरवाजे पर आ गया। मैं अपने ऊपर होने वाले हमले को टालना चाहता था। बन्दूक का ट्रिगर दब गया। खून की प्यासी गोली ने अपनी प्यास बुझाली ं ं ं फिर तो मुझे वहां से भागने की पड़ी। Novels बागी आत्मा बागी आत्मा 1 रचना काल-1970-71 उपन्यास रामगोपाल भावुक... More Likes This रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी - 1 द्वारा S Sinha समुंद्र के उस पार - 1 द्वारा Neha kariyaal जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा - भाग 2 द्वारा Jagmal Dhanda इश्क की लाइब्रेरी। - 1 द्वारा Maya Hanchate फोकटिया - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी