STHAYITVA book and story is written by Ramnarayan Sungariya in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. STHAYITVA is also popular in Classic Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. स्थायित्व Ramnarayan Sungariya द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 1 1.4k Downloads 6.8k Views Writen by Ramnarayan Sungariya Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कहानी-- स्थायित्व आर। एन। सुनगरया '' हॉं कमलेश मैं इतना टूट चुका हूँ ..... इसलिए ....... बस अब पथराई औखों और अक्रशील बैठे रहना मेरी जान-सागी बन गई है। मैं खुद तो डूबी ही, साथ ही पिताजी और दोनों भाइयों को भी ले डूबी .... मैंने उन्हें भी अपने साथ तड़पने-तरसने और ..... '' रो पड़ी थी शोभा। वह माहोल मुझे ऐसे खाने को दौड़ा कि मैं ना चाहता हूँ भी घर लौटकर आऊँ। लेकिन यह नहीं है? हालत और भी अस्थिर है। रेक पर रखी किताबों पर हाथ घुमाया। टेबल पर पड़ी More Likes This कहानी फ्रेंडशिप की - 1 द्वारा Shahid Raza मीरा प्रेम का अर्थ - 3 - माधव की मीरा द्वारा sunita maurya द्वारावती - 41 द्वारा Vrajesh Shashikant Dave तमस ज्योति - 1 द्वारा Dr. Pruthvi Gohel इंद्रप्रस्थ - 2 द्वारा Shakti रेत होते रिश्ते - भाग 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil व्रत - 1 द्वारा Sonali Rawat अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी