Angrejiyat par Hindi divas ka kataksh book and story is written by AKANKSHA SRIVASTAVA in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Angrejiyat par Hindi divas ka kataksh is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. अंग्रेजियत पर हिंदी दिवस का कटाक्ष AKANKSHA SRIVASTAVA द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 2 3.2k Downloads 11.8k Views Writen by AKANKSHA SRIVASTAVA Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हिंदी को वनवास दे दिया,अंग्रेजी को राज हम हिंदुस्तानियों ने सत्तर साल में कैसा गढ़ दिया समाज , बदल गया हिंदी का इतिहास,फिर हावी हो गया अंग्रेजियत का एक बार राज। आज हिंदी दिवस पर हिंदी बोलने पर शर्म महसूस करने वालो पर कटाक्ष!सवाल तो ये है कि आखिर क्यों हमे हिंदी बोलने में शर्म महसूस होता है और अंग्रेजी बोलने में गौरवशाली क्यों? कभी हिंदी से रूबरू तो होइए जनाब हिंदी ने असल मे पानी - पानी ना कर दिया तो कहिए। सच्चाई तो ये है जो स्पष्ट साफ पाख हिंद की बिंद से जुड़ा है वो अंग्रेजी का More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी