क्षत्राणी--कुंती की व्यथा(अंतिम किश्त भाग 2) Kishanlal Sharma द्वारा पौराणिक कथा में हिंदी पीडीएफ

kshatrani - kunti ki vyatha द्वारा  Kishanlal Sharma in Hindi Novels
"मुझे राज्य के छिन्न जाने का दुख नही है।पुत्रो के जुए मे हार जाने और वनवास जाने का भी बिल्कुल दुख नही है।परंतु भरी सभा मे मेरी पुत्र वधू का जो अपमान ह...

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