Photo book and story is written by amitaabh dikshit in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Photo is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. फ़ोटो amitaabh dikshit द्वारा हिंदी लघुकथा 3 1.4k Downloads 4.3k Views Writen by amitaabh dikshit Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अपनी गाड़ी वर्कशाप में देने के बाद, मैं चौराहे की ओर बस स्टैंड की तरफ निकल गया। शायद इस गरज से कि बस या टैक्सी कुछ भी मिल जाये तो घर चला जाय। इस चिलचिलाती धूप में पैदल जाने से तो बेहतर ही होगा। किस्मत अच्छी थी सामने ही एक घर की तरफ जाने वाली बस खड़ी दिख गई। मैं बेझिझक उसमें चढ़ गया। बस बिल्कुल खाली थी। शायद दो या चार सवारियां| मैं आगे से तीसरी सीट पर बाईं तरफ बैठ गया। चश्मे के लेन्स पर माथे का पसीना जम आया था सो उसे उतारकर रुमाल से साफ More Likes This पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari Chai ki Pyali - 1 द्वारा Mansi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी