muje vaapas bula lo book and story is written by Rishi Sachdeva in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. muje vaapas bula lo is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मुझे वापस बुला लो Rishi Sachdeva द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 3.3k 2.2k Downloads 8.9k Views Writen by Rishi Sachdeva Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण "शब्द मेरे हैं पर भाव शायद आपके मन के भी वहीं हो जो मेरे मन के"आनंद मूवी में राजेश खन्ना का एक डॉयलोग था बाबू मोशाय "जिंदगी और मौत उपर वाले के हाथ में है जहांपनाह, जिसे ना आप बदल सकते हैं ना मैं। हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं, जिसकी डोर उपर वाले के हाथ बंधी हैं, कब, कौन, कैसे उठेगा, ये कोई नहीं जानता।"मौत तू एक कविता है मुझसे इक कविता का वादा है मिलेगी मुझको डूबती नब्जों में जब दर्द को नींद आने लगे... तो इस डोर को खींचने का अधिकार आपको या मुझे किसने दिया आनंद मरा More Likes This ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana Middle Class Boy द्वारा Bikash parajuli तहम्मुल-ए-इश्क - 4 द्वारा M choudhary अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी