विवरण
अधूरी मन्नते भाग 3 लेकिन मन्नत शायद ये भूल रही है कि ,,एक रिषभ ही ऐसा बन्दा है इस घर मे जो हर नामुमकिन को मुमकिन कर सकता है,, ,, मन्नत अपना उदास चेहरा लेकर कपड़े धोने चली जाती है,,,तभी रिषभ वहां आता है,,और मन्नत को ऐसे उदास देख कर पूछता है,,," अरे क्या हुआ? तुम्हे तो कॉलिज जाना था,,,फिर यहां धोभी घाट खोलकर क्यों बैठ गई,,,,??? और तुम्हारे चेहरे पर 12 क्यों बजे है?? ,,,मन्नत ,,, इधर उधर देखती है फिर दबी आवाज़ में कहती है,," अरे ये सब तुम्हारी हिटलर मॉम का किया हुआ,,, उन्होंने ही फरमान जारी