Suno Punia - 1 book and story is written by Roopsinh Chandel in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Suno Punia - 1 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
सुनो पुनिया - 1
Roop Singh Chandel
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
Three Stars
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विवरण
सुनो पुनिया (1) घाम की चादर आंगन के पूर्वी कोने में सिकुड़ गई थी. पुनिया ने मुंडेर की ओर देखा और अनुमान लगाया सांझ होने में अधिक देर नहीं है. ठंड का असर काफी देर पहले से ही बढ़ने लगा था. रह-रहकर हाथों के रोंगटे खड़े हो जाते थे और बदन कांप उठता था. पुनिया चाहती थी कि डेलवा (टोकरी) आज ही तैयार हो जाए. ’थोड़ा-सा ही बचा है---’ सोचकर उसने कुछ कांस खोंसकर सूजा उसमें घोंप दिया और आरण (सरकंडा) से तैयार मूंज फंसाकर आगे बुनना शुरू कर दिया. डेलवा समाप्त कर उसे आंगन बुहारना था, इसीलिए वह जल्दी-जल्दी
सुनो पुनिया (1) घाम की चादर आंगन के पूर्वी कोने में सिकुड़ गई थी. पुनिया ने मुंडेर की ओर देखा और अनुमान लगाया सांझ होने में अधिक देर नहीं है. ठंड का अस...
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