Janta ka paisa book and story is written by Neelam Kulshreshtha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Janta ka paisa is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. जनता का पैसा Neelam Kulshreshtha द्वारा हिंदी लघुकथा 4 1.1k Downloads 4.7k Views Writen by Neelam Kulshreshtha Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण " जनता का पैसा " [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] अवध एक्सप्रेस के ए.सी. टू टियर के पर्दों के बीच में से एक हष्ट पुष्ट टी.टी.की आकृति झांकी, ठिठकी, फिर आगे बढ़ गयी. एक मिनट बाद वही आकृति वापिस आई व उससे पूछने लगी, "आप रश्मि जीजी हैं न ? " "हाँ `."उसने उस विशाल आकृति को कुछ क्षण देखकर बरसों पहले के पतले दुबले लड़के को ढूंढ़ लिया, "अरे !उमेश तुम ?बरसों बाद तुम्हें देख रहीं हूँ. कैसे हो ?" "देख तो रहीं हैं ,बहुत मज़े में हूँ ."कहते हुए उसने रश्मि और उसके पति के पैर छुए . "तुमबहुत बदल गए हो इसलिए मैं तुम्हें पहचान नहीं पाई ,"फिर वह संभल कर बोली ,"मैं भी तो बुढ़ा गयी हूँ ." "भाई साहब ने फ़ोन कर दिया था कि आप व जीजाजी अवध से आ रहे हैं. मेरी ड्यूटी इसी ट्रेन में थी इसलिए मैंने सोचा आपसे मिल लूं ." रश्मि की ख़ुशी छलकी पड़ रही थी ,"बरसों बाद तुमसे मिलकर अच्छा लग रहा है ." "और क्या दूर रहने से रिश्ते टूट थोड़े ही जातें हैं .आप कल शाम को भाई साहब के साथ हमारे यहाँ ज़रूर आइये ." दूसरे दिन शाम को रमेश का दो मंज़िला रंग बिरंगे बल्बों से सजा घर स्वागत करता मिलता है, दीपावली अभी अभी गयी है .वह चुटकी लेती है ,"बहुत ज़ोर की ऊपर की कमाई चल रही है ." "आप बरामदे में रखे तसले, फावड़ों को देखकर समझ गयीं होंगी हमारे यहाँ मज़दूर लगे हुए हैं .अपने मकान में कुछ न कुछ बनवाता रहता हूँ. जनता का पैसा जनता में ही बांटता रहता हूँ ." साथ आये भाईसाहब व भाभी और रश्मि व उसके पति खिलखिला पड़ते हैं . जब वे लोग उसके घर से चलने लगतें हैं तो वे उन दोनों के हाथ में कुछ करारे नोट थमा देता है. वह संकुचित है बरसों तक दूर के रिश्तेदारों से मिल नहीं पाओ More Likes This सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी