Raat dus baje book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Raat dus baje is also popular in Horror Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. रात दस बजे Saroj Verma द्वारा हिंदी डरावनी कहानी 60 5.2k Downloads 14.4k Views Writen by Saroj Verma Category डरावनी कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मैं बस सोने ही जा रही थी कि दरवाजे पर दस्तक हुई, मैंने घड़ी में time देखा तो दस बज रहे थे, मैंने सोचा इतनी समय कौन हो सकता है, दरवाजा खोला तो सामने सुलक्षणा खड़ी थी मेरे बचपन की सहेली__ अरे,तू इतनी रात को,ना कोई phone ना कोई खबर और अकेले कैसे आ गई,तेरी तो बहुत तबियत खराब थी___ सब दरवाजे पर ही पूछ लेंगी कि अन्दर भी आने देगी, लगता है राधिका तुझे मेरे आने से खुशी नहीं हुई जो तू इतने सवाल पूछ रही हैं........ अरे नहीं,तू अचानक बिना खबर दिए आ गई तो मुझे विश्वास नहीं More Likes This 2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात - 1 द्वारा बैरागी दिलीप दास Lfrit Jinn - 1 द्वारा HARSH PAL Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 1 द्वारा Sakshi Devkule नया घर… और एक पुरानी आत्मा - 1 द्वारा Sakshi Devkule स्त्री का श्राप - भाग 1 द्वारा Vedant Kana A Adventure Doom - 1 द्वारा saif Ansari काल कोठरी - 1 द्वारा Neeraj Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी